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Why Mahila Bandi Sudhar Garh?

जयपुर। बाल आयोग अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाईन के अनुसार जयपुर शहर स्थित महिला बन्दी सुधार गृह (महिला जेल) का निरीक्षण किया। जेल में प्रवेश के समय अध्यक्ष का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया एवं जेल में स्थित शिवालय में जल अर्पण कर जेल का निरीक्षण प्रारम्भ किया। निरीक्षण के दौरान अध्यक्ष ने पाया कि जेल प्रशासन द्वारा महिला कैदियों को स्वावलंबी बनाने में विशेष प्रयास किये जा रहे है। जेल में कुल 137 महिला कैदी हैं व जेल की कुल क्षमता 200 है एवं जेल में 8 बच्चें भी है। जेल की व्यस्थाओं से अध्यक्ष महोदया ने संतोष जताया एवं साथ ही राजस्थान राज्य के अन्य ब्लाॅकों में स्थित जेलो में रह रही महिला केदियों, जिनके पास छोटे बच्चें है को एवं जो महिला कैदी गर्भवती है उनको यदि यहां जिला महिला जेल में जगह है तो यहां रहने की अनुमति प्रदान करने हेतु महानिदेषक जेल से वार्ता की। एवं साथ ही महिला कैदियों के बच्चों को भी पास स्थित आंगनबाडी केन्द्रो एवं विद्यालयों में अध्ययन की सुविधा प्रदान करवाई जाये। 


इसके पश्चात अध्यक्ष ने महानिदेशक जेल भूपेन्द्र सिंह आई.पी.एस. से महिला बंदी सुधार गृह जयपुर में किये गये निरीक्षण के संबंध में विस्तार से चर्चा कर अन्य जिलो में रह रहे कैदियों को स्वावलंबी बनाने, प्रशिक्षण प्राप्त करने व अच्छी सुविधाओं को देखते हुये स्वेच्छा से जयपुर स्थित उक्त सुधार गृह में आ सकने का सुझाव दिया। साथ ही अध्यक्ष ने सुधार गृह में नियमित रूप से योग एवं ध्यान कराये जाने पर जोर दिया।

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